dal bati recipe rajasthani style आज का आर्टिकल बहुत ही इंटरेस्टेड और मजेदार होने वाला है क्योंकि आज के आर्टिकल में हम स्पेशल दाल बाटी राजस्थान की कैसे बनाई जाती है इस आर्टिकल में हम देखने वाले हैं वैसे देखा जाए तो दाल बाटी पूरे भारत में खाई जाती है पर ज्यादातर राजस्थान बिहार उत्तर प्रदेश इन राज्यों में दाल बाटी बहुत ज्यादा खाई जाती है

दाल बटी: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पारंपरिक डिश dal bati recipe rajasthani style
परिचय
दाल बटी एक ऐसी पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जिसे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की प्रमुख डिश माना जाता है। यह खासकर राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे क्षेत्रों में भी बहुत लोकप्रिय है। इस व्यंजन में मुख्य रूप से दाल (मसूर या तूर दाल) और बटी (चक्की या आटे की छोटी-छोटी गोलियां) होती हैं। यह दोनों तत्व स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, और इसे खासतौर पर सर्दी-गर्मी में सर्दी से बचने के लिए खाया जाता है। इस व्यंजन की तैयारी में कुछ विशेष तकनीकें होती हैं, जो इसे पारंपरिक भारतीय स्वाद और खुशबू से भर देती हैं।
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सामग्री और विधि dal bati recipe rajasthani style
सामग्री:
- बटी के लिए:
- गेहूं का आटा – 2 कप
- घी – 1/2 कप
- नमक – स्वाद अनुसार
- पानी – आवश्यकता अनुसार
- दाल के लिए:
- तूर या मसूर दाल – 1 कप
- हरी मिर्च – 2-3 (कटी हुई)
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कटा हुआ)
- लहसुन – 4-5 कलियां (कटी हुई)
- जीरा – 1/2 चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1/2 चम्मच
- धनिया पाउडर – 1 चम्मच
- नमक – स्वाद अनुसार
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- घी – 2-3 बड़े चम्मच
- तड़का के लिए:
- घी – 2 बड़े चम्मच
- हींग – 1 चुटकी
- जीरा – 1 चम्मच
- करी पत्ते – 5-6
- हरी मिर्च – 1 (कटी हुई)
विधि:
- बटी बनाना:
- सबसे पहले, गेहूं के आटे में घी, नमक और थोड़ी मात्रा में पानी डालकर सख्त आटा गूंध लें। आटा गूंधने के बाद उसे कुछ समय के लिए ढक कर छोड़ दें।
- अब इस आटे की छोटी-छोटी गोलियां बना लें और इन्हें उबालने के लिए पानी में डालें। उबालने के दौरान, जब बटी ऊपर आ जाए तो यह संकेत है कि बटी तैयार है। इन्हें निकालकर थोड़ा ठंडा होने दें।
- दाल बनाना:
- तूर या मसूर दाल को अच्छे से धोकर एक बर्तन में डालें और पानी के साथ उबालें।
- उबालने के बाद, इसमें अदरक, हरी मिर्च, लहसुन, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक डालकर अच्छे से उबालें।
- दाल जब नरम हो जाए, तब उसमें लाल मिर्च पाउडर डालकर उबालें और तड़के के लिए तैयार करें।
- तड़का लगाना:
- एक छोटे पैन में घी गर्म करें, फिर उसमें जीरा, हींग और करी पत्ते डालें।
- तड़के को दाल में डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- परोसना:
- अब, बटी को प्लेट में रखें और उसमें ताजगी से उबली हुई दाल डालकर इसे गर्मागर्म परोसें।
- इसको गरम-गरम परोसते समय आप चाहें तो घी से भी सजा सकते हैं।
स्वाद और विशेषताएँ:dal bati recipe rajasthani style
दाल बटी का स्वाद बेहद लाजवाब होता है। इसमें बटी का कुरकुरा और हल्का सा नमकीन स्वाद दाल के मुलायम और मसालेदार स्वाद से बहुत अच्छा मेल खाता है। घी में तला हुआ तड़का दाल को एक अलग ही स्वाद देता है। दाल बटी का प्रमुख आकर्षण यह है कि यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और खनिजों की भरमार होती है। यह शारीरिक ताकत को बढ़ाने में मदद करती है और सर्दियों में खासकर ऊर्जा का अच्छा स्रोत बनती है।
इतिहास और सांस्कृतिक महत्व
दाल बटी का इतिहास मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। यह एक पारंपरिक ग्रामीण डिश है, जिसे खासकर त्योहारों, शादी-ब्याह और अन्य पारंपरिक अवसरों पर तैयार किया जाता है। यह व्यंजन सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि पोषण में भी संतुलित है, जिससे यह भारतीय खानपान का एक अहम हिस्सा बन गया है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है, लेकिन मूलतः इसकी तैयारी एक जैसी ही होती है।
आधुनिक परिवर्तित रूप
आजकल दाल बटी को कुछ विशेष और अलग तरीके से भी तैयार किया जाता है। बटी को तली हुई या बेक की हुई बनाने के विकल्प भी हैं, जो परंपरागत रूप से प्रयोग किए जाते हैं। इसके साथ-साथ कुछ लोग बटी को पनीर, मिक्स वेजिटेबल्स और अन्य मसालों के साथ भी परोसते हैं। हालांकि, पारंपरिक तरीके से बनाई गई दाल बटी ही सबसे अधिक पसंद की जाती है।
निष्कर्ष
दाल बटी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। यह व्यंजन न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। इसके पारंपरिक स्वाद और मसाले भारतीय घरों की यादों से जुड़ा हुआ है। दाल बटी का आनंद खासतौर पर सर्दी में लिया जाता है, लेकिन यह पूरे साल भर उपयुक्त है। यह भारतीय व्यंजनों के विविधता और समृद्धि को दर्शाता है।
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